विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं
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केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने आज विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर एक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। इस कार्यक्रम को मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालयान और प्रताप चंद्र सारंगी ने भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम में किसानों, डेयरी संघों के सदस्यों, डेयरी सहकारी समितियों, अनुसंधान विद्वानों, प्रशासकों आदि ने भाग लिया।
हर वर्ष 1 जून को मनाया जाता है विश्व दूध दिवस
हर वर्ष 1 जून को विश्व दूध दिवस मनाया जाता है। यह लोगों को दूध के फायदों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। दूध पोषक खाद्य पदार्थों में से एक है। इसकी शुरुआत 2001 में हुई थी। आपको बता दें कि पोषण का एक बड़ा स्रोत होने के अलावा, दूध और डेयरी उत्पाद दुनिया भर में लोगों के लिए आजीविका का एक बड़ा साधन भी हैं। विश्व दूध दिवस 2021 का थीम पोषण, पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना है।
डेयरी क्षेत्र के लिए ‘गोपाल रत्न पुरस्कार’ की हुई घोषणा
गिरिराज सिंह ने इस कार्यक्रम में डेयरी क्षेत्र के लिए गोपाल रत्न पुरस्कार (राष्ट्रीय पुरस्कार) की शुरुआत करने की घोषणा की। इसकी तीन श्रेणियां होंगी –
i) सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान
ii) सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)
iii) सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी / दुग्ध उत्पादक कंपनी / एफपीओ
उन्होंने बताया कि पात्र किसान/डेयरी सहकारी समितियां/एआई तकनीशियन पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए पोर्टल 15 जुलाई 2021 से खुलेगा। वहीं पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा 31 अक्टूबर 2021 को की जाएगी।
ई-गोपाला एप के साथ उमंग प्लेटफॉर्म का होगा एकीकरण
उन्होंने ई-गोपाला एप के साथ उमंग प्लेटफॉर्म के एकीकरण का भी ऐलान किया। इसका उद्देश्य उमंग प्लेटफॉर्म के 3.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं को ई-गोपाला एप का लाभ दिलाना है। 10 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा ई-गोपाला एप को लॉन्च किया गया था। इसकी टैगलाइन ‘उत्पादक पशुधन के माध्यम से धन का सृजन’ है। यह व्यापक नस्ल सुधार बाजार और किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक सूचना पोर्टल की भूमिका निभाता है।
पिछले 6 वर्षों में दुग्ध उत्पादन 6.3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की औसत दर से बढ़ा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले 6 वर्षों के दौरान दुग्ध उत्पादन 6.3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की औसत दर से बढ़ा है, जबकि विश्व दुग्ध उत्पादन 1.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रहा है। दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता में 32.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 2013-14 में जहां यह 307 ग्राम थी, वहीं 2019-2020 में यह बढ़कर 406 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हो गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत डेयरी देशों में एक वैश्विक लीडर है। 2018-19 के दौरान दूध के उत्पादन का मूल्य वर्तमान कीमतों पर 7.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक है जो गेहूं और धान के कुल उत्पादन के मूल्य से भी अधिक है।
2019-20 में हुआ 198 मिलियन टन दूध का उत्पादन
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। वर्ष 2018-19 में भारत का कुल उत्पादन 188 मिलियन टन था, जबकि 2019-20 में 198 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ। पहले लोग गाय, भैंस और बकरी आदि जानवरों के दूध पर निर्भर रहते थे, लेकिन आजकल लोग सोयाबीन, नारियल, जई और भांग के दूध का भी सेवन करने लगे हैं। इन्हें ‘वीगन मिल्क’ कहा जाता है। बाजार में भी वीगन मिल्क की डिमांड काफी बढ़ चुकी है। इसके अलावा टेट्रा पैक वाला दूध भी इस समय ट्रेंड में है।
1.94 लाख डेयरी सहकारी समितियां गांवों से कर रहीं दूध एकत्र
डेयरी मंत्री ने कहा कि देश की डेयरी सहकारी समितियां अपनी बिक्री का औसतन पचहत्तर प्रतिशत किसानों को प्रदान करती हैं। वर्तमान में 2 करोड़ से अधिक डेयरी किसान डेयरी सहकारी समितियों से जुड़े हैं और 1.94 लाख डेयरी सहकारी समितियां गांवों से दूध एकत्र कर रही हैं। भारत का डेयरी क्षेत्र 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को आजीविका प्रदान करता है, जिसमें मुख्य रूप से छोटे और भूमिहीन किसान शामिल हैंl
उद्घाटन कार्यक्रम के बाद “आनुवंशिक उन्नयन कार्यक्रम में नस्ल सुधार प्रौद्योगिकियों की भूमिका” पर तकनीकी सत्र का भी आयोजन किया गया।