प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत स्क्रैपिंग संबंधी बुनियादी सुविधाओं में निवेश आमंत्रित करने के लिए एक सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अनफिट वाहनों को सड़क से हटाने में नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज पॉलिसी अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इस नीति से 10,000 करोड़ रुपये का नया निवेश भी आएगा और हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
गुजरात में एक इन्वेस्टर समिट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले आज का ये कार्यक्रम आत्मनिर्भर भारत के बड़े लक्ष्यों को सिद्ध करने की दिशा में एक और अहम कदम है। आज देश नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज पॉलिसी लॉन्च कर रहा है। ये पॉलिसी नए भारत की मोबिलिटी और मोटर सेक्टर को नई पहचान देगी।
कचरे से कंचनअभियान
पीएम ने कहा कि नई स्क्रैपिंग पॉलिसी, वेस्ट से वेल्थ (Waste to Wealth) कचरे से कंचन के अभियान की, सर्कुलर इकोनॉमी की एक अहम कड़ी है। उन्होंने कहा कि ये पॉलिसी, देश के शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज विकास की हमारे प्रतिबद्धताओं को भी दर्शाती है।
विकास को सस्टेनेबल और पर्यावरण के अनुकूल बनाएं
आज एक तरफ भारत डीप ओशन मिशन के माध्यम से नई संभावनाओं को तलाश रहा है, तो वहीं सर्कुलर इकोनॉमी को भी प्रोत्साहित कर रहा है। कोशिश ये है कि विकास को हम सस्टेनेबल बनाएं, पर्यावरण के अनुकूल बनाएं। इस पॉलिसी से सामान्य परिवारों को हर प्रकार से बहुत लाभ होगा।
स्क्रैपिंग पॉलिसी के लाभ
स्क्रैपिंग पॉलिसी का लाभ बताते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहला लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर एक सर्टिफिकेट मिलेगा। ये सर्टिफिकेट जिसके पास होगा उसे नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। इसके साथ ही उसे रोड टैक्स में भी कुछ छूट दी जाएगी।
दूसरा लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ी की मैंटेनेंस कॉस्ट, रिपेयर कॉस्ट, ईंधन दक्षता, इसमें भी बचत होगी।
तीसरा लाभ सीधा जीवन से जुड़ा है। दरअसल, पुरानी गाड़ियों, पुरानी टेक्नॉलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा बहुत अधिक रहता है, जिससे मुक्ति मिलेगी।
चौथा, इससे हमारे स्वास्थ्य प्रदूषण के कारण जो असर पड़ता है, उसमें कमी आएगी।
सरकार हर मदद के लिए तैयार
पीएम ने आगे कहा कि आत्मनिर्भर भारत को गति देने के लिए, भारत में इंडस्ट्री को सस्टेनेबल और प्रोडक्टिव बनाने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। हमारी ये पूरी कोशिश है कि ऑटो मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ी वैल्यू चेन के लिए जितना संभव हो, उतना कम हमें इंपोर्ट पर निर्भर रहना पड़े।
इथेनॉल हो, हाइड्रोजन फ्यूल हो या फिर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, सरकार की इन प्राथमिकताओं के साथ इंडस्ट्री की सक्रिय भागीदारी बहुत जरूरी है।
पीएम ने निवेशकों से कहा कि R&D से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक, इंडस्ट्री को अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी। इसके लिए जो भी मदद आपको चाहिए, वो सरकार देने के लिए तैयार है।
बता दें कि वाहन स्क्रैपिंग नीति का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित तरीके से अनुपयुक्त एवं प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक परिवेश तैयार करना है। इस नीति का उद्देश्य देश भर में स्वचालित परीक्षण स्टेशनों और पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं के रूप में स्क्रैपिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करना है।