भारत जल्द ही दुश्मन को हवा में मार गिराने वाले एस-400 मिसाइल सिस्टम से लैस हो जाएगा। इसकी पहली खेप रूस से इस साल अक्टूबर-दिसंबर में मिल जाएगी। इस बारे में रूस में भारतीय राजदूत डी बाला वेंकटेश वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि इस साल की आखिरी तिमाही में, अनुबंध लागू होना शुरू हो जाएगा।
The contract will be implemented in the 4th quarter of 2021. We have a team in Russia that is part of training program for the crew that will be operating the systems, they're already in Russia for training: Indian Envoy to Russia on supply of S-400 missiles to India.
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— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) May 22, 2021
मिसाइल सिस्टम के प्रशिक्षण के लिए भारतीय टीम रूस में मौजूद
इससे पहले रूस के सरकारी हथियार निर्यातक रोसोबोरोनएक्पोर्ट के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी थी। इस मिसाइल सिस्टम के प्रशिक्षण के लिए भारतीय विशेषज्ञ जनवरी में ही रूस पहुंच गए हैं।
मिसाइल सिस्टम की खासियत
रोसोबोरोनएक्पोर्ट के सीईओ अलेक्जेंडर मिखेयेव ने बताया कि एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की रूस की सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली है। ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली 400 किलोमीटर की दूरी से शत्रु के विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट कर सकती है। ये 36 मिसाइल को एक साथ मार सकती है। इस सिस्टम के जरिए यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकते हैं।
2018 में हुआ था करार
भारत ने यह करार अक्टूबर 2018 में किया था। भारत ने रूस के साथ पांच अरब डॉलर में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाई खरीदने की बात की थी। इस कड़ी में भारत ने वर्ष 2019 में 80 करोड़ डॉलर की पहली किस्त का भुगतान किया था।