भारत ने सामाजिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए NDB की सीमा का विस्तार करने की जताई इच्छा अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें...
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की 5वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सामाजिक ढांचे मसलन शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में सेवाओं की आपूर्ति को मजबूत करने हेतु संसाधनों का इस्तेमाल कर ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा स्थापित नव विकास बैंक यानि एनडीबी का दायरा बढ़ाने की जरूरत है।
गौरतलब हो ब्रिक्स देशों के उद्योग मंत्रियों में चीन के उद्योग और आईटी मंत्री जिओ याकिंग, दक्षिण अफ्रीका के व्यापार, उद्योग और प्रतिस्पर्धा मंत्री इब्राहिम पटेल, ब्राजील के अर्थव्यवस्था मंत्रालय में उप-मंत्री कार्लोस द कोस्टा, रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव एवं अन्य प्रतिनिधियों ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से भाग लिया।
भारत के प्रयासों का किया उल्लेख
बैठक के दौरान, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाते हुए बेहतर और स्मार्ट शासन की दिशा में प्रौद्योगिकी के उपयोग में भारत के प्रयासों का उल्लेख किया गया। भारत ने एक सक्षम और गतिशील स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है, मौजूदा प्लेटफॉर्म और डिजिटल तकनीकों जैसे आधार और यूपीआई भुगतान का लाभ उठाया है ताकि अंतिम छोर तक महत्वपूर्ण सेवाओं के वितरण को सुनिश्चित किया जा सके। कोविन और डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र जैसी ऑनलाइन प्रणालियों का आज दुनिया भर में सफलता की गाथाओं के रूप में वर्णित किया जा रहा है।
व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में कोविड-19 महामारी के अप्रत्याशित प्रभाव पर भी हुई चर्चा
ब्रिक्स देशों के मंत्रियों ने विशेष रूप से व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में कोविड-19 महामारी के अप्रत्याशित प्रभाव पर भी चर्चा की। उन्होंने ब्रिक्स देशों के सभी कोविड योद्धाओं, चिकित्सकों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और वैज्ञानिकों को इन देशों में लोगों का जीवन बचाने में उनके निःस्वार्थ और अथक प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने तेजी से बदलती दुनिया में उभरती हुई नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता की सराहना की और इसे उद्योग के आधुनिकीकरण और परिवर्तन, समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में पहचाना, जिसने ब्रिक्स राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद की है।
एनडीबी की सीमा विस्तार को लेकर क्या कहा भारत ने ?
बैठक के दौरान सभी ब्रिक्स देशों के मंत्रियों ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के साथ सहयोग करने की इच्छा भी व्यक्त की। भारत ने एनडीबी की सीमा का विस्तार करने और औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के अलावा सामाजिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए संसाधनों का उपयोग करने की इच्छा व्यक्त की। बैठक का समापन ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों द्वारा एक समूह के रूप में मिलकर कार्य करने, एक-दूसरे की शक्तियों का पूरक बनने, सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने के साथ-साथ कमजोरियों से सीखने, और सतत विकास के लिए 2030 एजेंडे को हासिल करने के लिए सकारात्मक और रचनात्मक रूप से आगे बढ़ने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ हुआ।
NDB के बारे में
न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी), ब्रिक्स (BRICS) देशों द्वारा संचालित एक बहुपक्षीय विकास बैंक है। एनडीबी की स्थापना वर्ष 2014 में छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान 100 अरब डॉलर की शुरुआती अधिकृत पूंजी के साथ की गई थी। न्यू डेवलपमेंट बैंक का मुख्यालय चीन के शंघाई में है। जबकि दक्षिण अफ्रिका में इसका क्षेत्रीय कार्यालय बनाया गया है।
साल 2012 में नई दिल्ली में चौथे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं ने मिलकर ब्रिक्स और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं व विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने हेतु एक नया विकास बैंक (एनडीबी) स्थापित करने पर विचार किया था। उन्होंने वित्त मंत्रियों को इस पहल की व्यवहार्यता और व्यवहार्यता की जांच करने व आगे के अध्ययन के लिए एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने के साथ-साथ 2013 में अगले शिखर सम्मेलन में इस पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया।
इसके पश्चात साल 2013 में डरबन में पांचवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वित्त मंत्रियों की रिपोर्ट के बाद, नेताओं ने न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना की व्यवहार्यता पर सहमति व्यक्त की और ऐसा करने का निर्णय लिया गया। यह भी सहमति हुई कि बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण में प्रभावी होने के लिए बैंक को प्रारंभिक योगदान पर्याप्त होना चाहिए।
साल 2014 में फोर्टालेजा में छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स नेताओं ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की स्थापना के समझौते पर हस्ताक्षर किए। फोर्टालेजा में इसकी स्थापना के साथ यह घोषणा भी की गई कि एनडीबी ब्रिक्स के बीच सहयोग को मजबूत करेगा और वैश्विक विकास के लिए बहुपक्षीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों के प्रयासों का पूरक होगा, इस प्रकार मजबूत, टिकाऊ और संतुलित विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धताओं में योगदान देगा।