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कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा गया है। इस बीच देश में बच्चों को वैक्सीन देने के लिए भी ट्रायल शुरू हो चुका है। देश के तीन प्रमुख शहरों दिल्ली, पटना और भुवनेश्वर में ट्रायल हो रहा है, जिसमें 2- 18 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को शामिल किया गया है।
तीन समूह में हो रहा ट्रायल
इस बारे में जानकारी देते हुए एम्स पटना के डॉ संजीव कुमार ने बताया कि अभी तक बच्चों पर इन वैक्सीन का ट्रायल नहीं हुआ था, इसलिए उन्हें नहीं लगाई जा रही हैं। अब देश के कुछ शहरों में 2-18 साल के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू हुआ है। पटना एम्स में अभी पहले दौर में 12-18 साल के 27 बच्चों पर ट्रायल हुआ है। इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं देखने को मिला। अब अगले मंगलवार को 6-12 साल के बच्चों पर, फिर उसके बाद 2-6 साल के बच्चों पर ट्रायल होगा। अगर नतीजे अच्छे होते हैं तो भारत जल्द ही बच्चों को वैक्सीन देने की शुरुआत करेगा।
बच्चों को अनावश्यक दवा न दें
इस दौरान डॉ संजीव ने बच्चों को इम्यूनिटी बढ़ाने के नाम पर कुछ मा-बाप की ओर से दी जा ने वाली दवाओं को लेकर आगाह किया। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग कोरोना के समय में बच्चों को अनावश्यक रूप से अलग-अलग तरह की दवा विटामिन और प्रोटीन के नाम पर खिलाने लगते हें। ऐसा न करें, ये उनके लिए हानिकारक हो सकता है। हां कुछ बच्चों का सही विकास उम्र के हिसाब से नहीं होता है, तो डॉक्टर उन्हें कुछ ऐसी दवा देते हैं। इसलिए हमेशा बच्चों को कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह पर ही दें। घर में उसे ताजा खाना , दूध, दही, प्रोटीन युक्त खाना आदि देते रहें। बच्चे को बाहर न भेजें, मास्क लगाने की आदत डलवाएं।