प्रसार भारती और दूरदर्शन के कर्मचारियों को कोरोना से जुड़े सवालों के डॉक्टर्स ने दिए जवाब खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें
प्रसार भारती और दूरदर्शन की ओर से अपने कर्मचारियों के लिए डॉक्टर्स के साथ एक ज़ूम मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग में एम्स नई दिल्ली के साइकेट्रिस्ट (एडिशनल प्रोफेसर) डॉ. यतिन पाल बलहारा और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की प्रो. डॉ अपर्णा अग्रवाल शामिल हुईं। मीटिंग में प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पटि और दूरदर्शन के डीजी मि. मयंक अग्रवाल भी शामिल हुए।
प्रसार भारती के सीईओ ने दिया अहम संदेश
CEO प्रसार भारती शशि शेखर वेम्पटि ने कार्यक्रम में शामिल हुए डॉक्टर्स को धन्यवाद दिया । इसके बाद उन्होंने प्रसार भारती और दूरदर्शन के कर्मचारियों और उनके परिवारों को सांत्वना दी, जिन्होंने इस महामारी में अपने प्रियजनों को खोया है। उन्होंने कहा हम सब बहुत कठिन समय से गुजर रहे हैं। सभी तरह की चुनौतियों के बावजूद दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो जनता की सेवा में लगे हुए हैं। कोविड-19 को लेकर आम लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं। उन्होंने मेडिकल कम्यूनिटी से आने वाले व्यक्तियों के प्रति आभार जताया, जिन्होंने दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर आकर अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया।
उपस्थित डॉक्टर्स से कर्मचारियों ने सवाल किए , उनमें से कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब नीचे हैं
प्रश्न- इस समय एक आदर्श भोजन में जरूरी चीजें कौन कौन-सी हैं, जिन्हें हम प्रतिदिन के खाने में शामिल कर सकते हैं?
जवाब- सबसे महत्वपूर्ण बात, सबसे ज्यादा जरूरी है ताजा और हरा भरा खाना। हमें ध्यान रखना होगा कि हमारे खाने में विटामिन C और विटामिन D युक्त तत्व जरूर हों। आयुष मंत्रालय ने भी ऐसे पदार्थों की सूची जारी की है, जो हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक हैं। हम वह चीजें खाने में ले सकते हैं। इसके अलावा रोज सुबह एक्सरसाइज करना जरूरी है।
सवाल- तनाव से मुक्त कैसे हों ?
जवाब- ऐसे समय में तनाव होना लाजमी है। किसी को यह नहीं सोचना है कि अगर उसे तनाव हो रहा है तो उसके साथ कुछ भयंकर गलत हो रहा है। ऐसी सोच से बचना होगा। ऐसे समय में तनाव होने में कुछ गलत नहीं है। हम सब इंसान है, सभी में फीलिंग्स हैं। तनाव होना सामान्य है। इससे कहीं यह साबित नहीं होता की हम दिमागी तौर पर कमजोर हैं। हम सबको कोशिश करनी होगी की हम ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतें और नए कामों में ध्यान लगाएं, जैसे पौधों को पानी देना, चित्रकारी करना, गाने सुनना या फिर कुछ नया खाना बनाना सीखना आदि। इससे हमारा ध्यान बंटेगा और तनाव कम होगा।
सवाल-अगर किसी व्यक्ति को एक डोज को-वैक्सीन और दूसरा डोज कोविशील्ड वैक्सीन का लग जाता है, तब ऐसी परिस्थिति में क्या होगा?
जवाब- पहली बात तो ऐसा भूलकर भी नहीं होना चाहिए। इसपर अभी बहुत रिसर्च नहीं हुई है। फिर भी सलाह दूंगी कि आप दूसरे डोज के 4-6 हफ्तों बाद एंटीबॉडी टेस्ट करवा लें, जिससे पता चल सके कि आपके शरीर में वैक्सीन का प्रभाव कैसा रहा है। अगर एंटीबॉडी लेवल सामान्य है तब कोई बात नहीं है। अगर एंटीबॉडी लेवल सही नहीं है तो आप एक एंटीबॉडी बूस्टर ले सकते हैं। इसपर ज्यादा डेटा उपलब्ध नहीं है क्योंकि किसी भी ट्रायल में दोनों वैक्सीन को मिक्स नहीं किया गया है।
सवाल- कोरोना से सही होने के बाद क्या ECG टेस्ट, डी डायमर टेस्ट करवाना क्या आवश्यक है?
जवाब- ECG टेस्ट की कोई जरूरत नही है। हाँ, अगर आपको कोरोना से ठीक होने के बाद कुछ परेशानी हो रही है तब डी डायमर टेस्ट करवा सकते हैं। अगर कुछ ज्यादा ही परेशानी हो रही है तो आप टैबलेट इकोस्प्रिन ले सकते हैं। अगर इससे भी सही नहीं होती है तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
सवाल- वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद कोविड होने की संभावना कितनी है?
जवाब- वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद कोविड होने की संभावना बेहद कम है। ऐसा नहीं है कि आपने दोनों डोज ले लिए तो आपको कोरोना नहीं होगा। कोरोना आपको हो सकता है लेकिन वैक्सीन आपको गंभीर रूप से बीमार होने से बचाएगी और आपको अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ेगा।