छात्राओं को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने की दिशा में प्रगति योजना लगातार आगे बढ़ रही है। प्रगति छात्रवृत्ति एक सरकारी छात्रवृत्ति योजना है, जो अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के नेतृत्व में चलाई जा रही है। योजना का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाली छात्राओं की मदद करना है। पिछले पांच वर्षों में, एआईसीटीई ने पूरे भारतवर्ष में हजारों छात्राओं को स्कॉलरशिप दी है, जिसकी मदद से छात्राएं अपने पंखों को उड़ान दे रही हैं। साल 2020-21 में तकनीकी शिक्षा में 7,723 छात्राओं को 38.615 करोड़ की छात्रवृत्ति को मंजूरी दी गई।
इसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर के ऐसे वर्गों की भी लड़कियां शामिल हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और जो एक तरह से समाज के हाशिए पर है। इस योजना के तहत एआईसीटीई की ओर से मान्यता प्राप्त संस्थानों और पाठ्यक्रम के तहत शिक्षा लेने वाली योग्य छात्राओं को हर साल पढ़ाई के लिए 50 हजार रुपये सालाना की वित्तीय मदद प्रदान की जाती है। जानते हैं योजना से कितनी कैसे और कितनी छात्राओं के सपने को पूरे करने में मदद की है।
जम्मू एवं कश्मीर में पढ़ाई करने वाली 480 छात्राओं को मिली स्कॉलरशिप
वर्ष 2020-21 में प्रगति योजना पर गौर करें तो एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं और पाठ्यक्रम की जम्मू एवं कश्मीर में पढ़ाई करने वाली 480 छात्राओं को स्कॉलरशिप दी गई। इस योजना की शुरुआत के बाद 2014 से स्कॉलरशिप हासिल करने वाली छात्राओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। असम में वर्ष 2019 में केवल एक लड़की को प्रगति योजना के तहत स्कॉलरशिप मिली, जबकि वर्ष 2020 में, असम एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों में पढ़ने वाली 244 छात्राओं को इस स्कॉलरशिप का लाभ मिला। इसके अलावा त्रिपुरा के विभिन्न शिक्षण संस्थानों की 182 छात्राओं को प्रगति स्कॉलरशिप स्कीम के तहत चुना गया। कुल मिलाकर पूर्वोत्तर क्षेत्र के शिक्षण संस्थाओं से 515 छात्राएं इस योजना की लाभार्थी हैं।
इस योजना की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के शिक्षण संस्थानों की 10 छात्राओं, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव की 62 छात्राओं से और लद्दाख की 11 छात्राओं ने भी यह स्कॉलरशिप हासिल की है।
इन राज्यों की छात्राओं को भी मिली स्कॉलरशिप
इसके अलावा एआईसीटीई ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 में भारत के अन्य राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़ (संघ शासित प्रदेश), छत्तीसगढ़, दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र), गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, केरल, कर्नाटका, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पुडुचेरी (संघ शासित प्रदेश), पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल की मेधावी और प्रतिभाशाली छात्राओं को 6,656 स्कॉलरशिप प्रदान की है।
शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने का उद्देश्य
एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा, एआईसीटीई देश में युवा और प्रतिभाशाली छात्राओं की प्रतिभा को निखारने और संवारने के लिए काम की दिशा में लगातार प्रयासरत है। वास्तविक रूप से यह पहल भारत में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से की गई है। ज्यादा से ज्यादा छात्राओं को तकनीकी क्षेत्र में आगे लाकर शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात किया जा रहा है।
तकनीकी शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने की पहल
एआईसीटीई के उपाध्यक्ष प्रोफेसर एम पी पूनिया ने कहा, प्रगति योजना का मुख्य प्रयास तकनीकी शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में पहल है। इस कार्यक्रम के जरिए हजारों छात्राओं ने अपने करियर को सफलतापूर्वक बढ़ाया है। यह योजना छात्राओं में आत्मविश्वास के साथ उनके ज्ञान को भी बढ़ाएगी। इससे छात्राएं अपने भविष्य को निश्चित रूप से प्रभावशाली आकार दे पाएंगी।
(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)