परिसीमन आयोग करेगा 4 दिवसीय जम्मू-कश्मीर का दौरा खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करे
जम्मू कश्मीर में फिर से राजनीतिक गतिविधियां गति पकड़ने लगी। इस गति से परिसीमन आयोग कार्य कर रहा है, उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में जल्द ही विधानसभा सभा चुनाव हो सकते हैं। 6-9 जुलाई तक परिसीमन आयोग जम्मू-कश्मीर का चार दिवसीय दौरा करेगा। चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा, आयोग राजनीतिक दलों, उनके नेताओं और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा, जिससे वहां नए निर्वाचन क्षेत्र बनाने के इस बड़ी प्रक्रिया पर “फर्स्ट हैंड” इनपुट इकट्ठा किया जा सके।
परिसीमन आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्र की अध्यक्षता में चुनाव आयोग के मुख्यालय में बुधवार को हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
J&K: Delimitation Commission, along with Chief Election Commissioner Sushil Chandra to visit the Union Territory of Jammu & Kashmir from July 6 to July 9.
They will interact with all stakeholders including political parties, UT officials, and public representatives.
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) June 30, 2021
प्रत्यक्ष जानकारी और इनपुट इकट्ठा करना है उद्देशय
चुनाव आयोग (ईसी) के प्रवक्ता ने जारी एक बयान में कहा, “आयोग यात्रा के दौरान, राजनीतिक दलों, जन प्रतिनिधियों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों के जिला चुनाव अधिकारी / उपायुक्त शामिल हैं, ताकि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत परिसीमन की चल रही प्रक्रिया के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी और इनपुट इकट्ठा किया जा सके।”
उम्मीद है सभी सहयोग करेंगे
आयोग को उम्मीद है कि सभी हितधारक इस प्रयास में ‘सहयोग’ करेंगे और बहुमूल्य सुझाव देंगे ताकि परिसीमन का कार्य समय पर पूरा हो सके। परिसीमन आयोग 2011 की जनगणना के अनुसार संबंधित जिलों/निर्वाचन क्षेत्रों के डेटा/मानचित्र से संबंधित कई बैठकें कर चुका है।
पहले भी किया था बातचीत के लिए आमंत्रित
प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया, “इससे पहले भी आयोग ने सभी सहयोगी सदस्यों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें सिर्फ दो सहयोगी सदस्यों ने भाग लिया था। नागरिक समाज और केंद्र शासित प्रदेश की जनता से परिसीमन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर कई अभ्यावेदन भी प्राप्त हुए हैं।” .
अपने कार्य को पूरा करने के लिए एक वर्ष की समय सीमा के साथ पिछले साल मार्च में गठित आयोग को जम्मू और कश्मीर में संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों को फिर से तैयार करने का काम सौंपा गया है।