नेक नियती से शख्स ने बढ़ाए कदम, स्कूल बंद हुए तो वंचित बच्चों को पढ़ाने का उठा लिया जिम्मा अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें...
कहते हैं कि इरादे मजबूत हो तो किसी भी मंजिल को आसानी से पाया जा सकता है। यही कारनामा कर दिखाया है, हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में कुठेड़ और दुलार पंचायत के युवा बीडीसी सदस्य त्रिलोक सिंह ने। बेहतर शिक्षा हासिल करने के बाद त्रिलोक सिंह ने पंचायत के लोगों तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने का काम शुरू किया। इसके साथ ही वे आसपास के गांव के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का कार्य भी कर रहे हैं।
पिछले डेढ़ साल से प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूल बंद
कोरोना महामारी में पिछले करीब डेढ़ साल से प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूल बंद हैं। बच्चों की शिक्षा ऑनलाइन हो रही है लेकिन ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को शिक्षा हासिल करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
गांव में बच्चों को पढ़ाने का उठाया बीड़ा
ऐसे में हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में कुठेड़ और दुलार पंचायत से चयनित युवा बीडीसी सदस्य त्रिलोक सिंह ने अपने ही गांव में बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है। त्रिलोक सिंह एमएससी मैथमेटिक्स हैं और वे अपने गांव व उसके आसपास के गांवों में छठी से दसवीं तक के बच्चों को गणित, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे कठिन विषयों को पढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
बच्चों को पढ़ाने के बाद पंचायत की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे त्रिलोक सिंह
त्रिलोक सिंह ने बताया कि वे दो से तीन घंटे बच्चों को पढ़ाने के बाद पंचायत की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों का कहना है कि अध्यापक त्रिलोक सिंह उन्हें मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं और कठिन विषयों को पढ़ने में उन्हें आसानी हो रही है।