देश के किसानों को मजबूत कर रहीं केंद्र सरकार की ये योजनाएं
आजाद भारत में किसान बिचौलियों से भी आजाद हो गए हैं। आजाद भारत में अन्नदाताओं की भी किस्मत बदल गई है। यही था केंद्र सरकार का सपना, जो अब पूरा होता दिखाई दे रहा है। डीबीटी, किसान सम्मान निधि और जनधन जैसी तमाम योजनाओं के कारण किसानों के खाते में सरकारी आर्थिक मदद अब सीधे पहुँच रही है। नीम कोटेड यूरिया के जरिये खाद भी अब किसानों तक पहुंचा, जिससे बिचौलियों को खत्म किया गया, तो वहीं दूसरी तरफ सॉइल हेल्थ कार्ड के जरिये उत्पादकता बढ़ाने की पहल की गई। एक तरफ जहां ई-नाम के जरिये किसानों को फसल बेचने के ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराये गए, तो दूसरी तरफ फसल बीमा के जरिये एक सुरक्षा कवच भी प्रदान किया गया।
केंद्र सरकार द्वारा चलाई गईं योजनाओं के माध्यम से किसान आज मजबूत और सशक्त नजर आ रहा है। डीबीटी और जन धन आधार मोबाइल के माध्यम से किसानों के खातों में पैसा सीधे दिल्ली में बैठी केंद्र सरकार के द्वारा गांवों में बैठे किसानों को भेजा जाता है। आज किसान मजबूर नहीं मजबूत है।
1) किसानों को विकल्प उपलब्ध करा रहा है ई-नाम पोर्टल
राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है, जो कृषि से संबंधित उपजो के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने के लिए मौजूदा एपीएमसी मंडी का एक प्रसार है।इस पोर्टल के माध्यम से देश के किसान अपनी फसलों को कही से भी ऑनलाइन अपनी फसल भेज सकते है और ऑनलाइन बेचीं गईं फसलों का भुगतान अपने बैंक अकाउंट में प्राप्त कर सकते है।
ई-नाम के अंतर्गत सबसे अधिक मंडियों वाले छह राज्य क्रमशः उत्तर प्रदेश (66), मध्य प्रदेश (58), हरियाणा (54), महाराष्ट्र (54), तेलंगाना (44) और गुजरात (40) हैं।
2) डीबीटी पोर्टल योजना
डीबीटी पोर्टल योजना और डीबीटी कृषि यंत्र योजना भारत सरकार द्वारा किसानो के लिए शुरू की गई योजना है, जिसमे देश के किसान कृषि मशीनरी का लाभ प्राप्त कर सकते है | इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानो को आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाने के लिए कृषि यंत्र खरीदने में सहायता प्रदान करेगी और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देगी। इस सुविधा से किसानों के अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किये जाते है | इसके माध्यम को किसानों की सब्सिडी उनके अकाउंट में किसी बिचौलिये के पास न जाकर डायरेक्ट उनके अकाउंट में ट्रांसफर होती है | इस योजना के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार देखने को मिला है|
3) किसान सम्मान निधि योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है। इस योजना के अन्तर्गत छोटे और सीमान्त किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि हो। इस योजना के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6 हजार रूपया मिल रहा है। 1 दिसम्बर 2018 से लागू यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत 6,000 रुपए प्रति वर्ष प्रत्येक पात्र किसान को तीन किश्तों में भुगतान किया जाता है और सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है।
4) मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
उर्वरकों के उपयोग से मृदा में उपस्थित पोषक तत्त्वों में होने वाली कमी दूर करने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना की थीम है: स्वस्थ धरा, खेत हरा। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण युवा एवं किसान जिनकी आयु 40 वर्ष तक है, मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना एवं नमूना परीक्षण कर सकते हैं। सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण के पहले चरण (वर्ष 2015 से 2017) में 10.74 करोड़ कार्ड और दुसरे चरण (वर्ष 2017-2019) में 11.69 करोड़ कार्ड वितरित किये गए हैं।
5) नीम लेपित यूरिया के जरिए खाद पहुंचा रही सरकार
नीम लेपित यूरिया धीमी गति से प्रसारित होता है, जिसके कारण फसलों की आवश्यकता के अनुरूप नाइट्रोजन पोशक तत्व की उपलब्धता होती है और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती है। केंद्र सरकार खाद को भी ग्रामीण स्तर पर पहुंचाने का कार्य कर रही है। भारत सरकार ने उर्वरक कंपनियों को 100 प्रतिशत नीम लेपित यूरिया का उत्पादन करने की अनुमति 7 जनवरी 2015 को प्रदान की थी। इससे पहले उर्वरक संयंत्र की कुल क्षमता के 35 प्रतिशत तक नीम लेप वाले यूरिया का उत्पादन करने की अनुमति थी।