देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों में गिरावट के बाद ही बाजारों को खोलने और मेट्रो चलाने का ऐलान कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। पिछले 24 घंटे में सिर्फ 400 मामले सामने आए हैं। इसके मद्देनजर अब अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल लॉकडाउन जारी रहेगा, लेकिन कई सारी गतिविधियों में छूट दी जाएगी। दिल्ली के बाजार और मॉल को ऑड-ईवन के आधार पर खोला जा रहा है। वहीं आगामी 7 मई से 50 फीसदी यात्री क्षमता के साथ दिल्ली मेट्रो सेवाएं शुरु की जाएंगी।
Lockdown will continue with more relaxation in other activities. Markets, malls to be opened on an odd-even basis. Delhi Metro to resume services with 50% capacity: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/ogv3WTvJN6
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) June 5, 2021
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में हमने अनलॉक शुरू कर दिया है। 50 फीसदी क्षमता के साथ ऑफिस खोले जा रहे हैं। हालांकि इस दौरान कोशिश रहेगी कि ज्यादा से ज्यादा लोग वर्क फ्रॉम होम करें। जरूरी सेवाओं पर ऑड-ईवन लागू नहीं होगा और जरूरी सामान की दुकानें रोज खुलेंगी। बाजार और मॉल ऑड-ईवन के आधार पर सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक खुलेंगे। वहीं सरकारी दफ्तरों को भी खोला जायेगा। प्रतिबंध में नई छूट के बाद सरकारी दफ्तरों में ग्रुप A अधिकारी 100 प्रतिशत और बाकी इसके बाद के ग्रेड के 50 प्रतिशत अधिकारी काम करेंगे। इसके अलावा जरूरी सेवाओं में 100 प्रतिशत कर्मचारी काम करेंगे। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो को भी 50 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ चलाया जायेगा।
DDMA releases an order which states that aIl malls, markets & market complexes (except weekly Markets) shall be allowed to open between 10 AM to 8 PM on an odd-even basis outside the containment zones with effect from 5 am on June 7. pic.twitter.com/YcAYcDXjkx
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) June 5, 2021
पीडियाट्रिक टास्क फोर्स का होगा गठन
उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की भी तैयारी की जा रही है। इसके लिए सरकार एक्सपर्ट के साथ बात कर रही है। पीडियाट्रिक टास्क फोर्स अलग से बनाया जा रहा है। दवाइयों के लिए डॉक्टर और एक्सपर्ट की टीम बनाई जाएगी, जो बताएंगे कि इस दवाई से फायदा होगा या नहीं, इसके बाद सरकार उसे मुहैया कराने की कोशिश करेगी।