काशी यानि भगवान शिव की नगरी, शिव को प्रिय है रुद्राक्ष और इसी काशी में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निर्माण हुआ है, जो भारत और जापान के मित्रता का प्रतिक है क्योंकि जो भवन जापान के सहयोग से बना है वह यहां के सांसद और देश के प्रधानमंत्री के सोच के अनुरूप है। इस भवन का नाम प्राचिन है लेकिन भवन में आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। रुद्राक्ष में कला और संस्कृति की अद्भुत छटा भी दिखती है।
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में जापान सरकार के सहयोग से 182 करोड़ की लागत में शिवलिंग के आकार में निर्मित अन्तरराष्ट्रीय रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की भव्यता अब लोगों को अपनी ओर खींचने लगी है। सोशल मीडिया में भी इसका क्रेज दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 जुलाई को इसका उद्घाटन करेंगे।
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की विशेषता
>अंतरराष्ट्रीय सेंटर में लगभग 1,200 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
>हॉल को दो भागों में विभाजित करने की व्यवस्था की गई है।
>सेंटर पूर्णत: वातानुकूलित है।
>बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता वाला एक मीटिंग हॉल है।
>एक वीआईपी कक्ष, चार ग्रीन रूम का निर्माण कराया गया है।
>दिव्यांगों की सुविधा का भी इसमें खास खयाल रखा गया है।
>सेंटर में छोटा जापानी बाग बनाया गया है।
>110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगा है।
>वीआईपी रूप और उनके आने-जाने का रास्ता भी अलग से है।
>सेंटर को वातानुकूलित रखने के लिए इटली के उपकरण लगे है।
>दीवारों पर लगे ईंट भी ताप को रोकते है।
>आग से बचाव के लिए सुरक्षा के खास उपकरणों को लगाया गया है।
>रुद्राक्ष सेंटर को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने फंडिंग किया है।
>इसकी डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने की है और निर्माण का काम जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है।
दुनिया के सबसे प्राचीन और जीवंत शहर काशी को जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसा नायाब तोहफा दिया है, जहां लोग बड़े म्यूजिक कंसर्न, कांफ्रेंस,नाटक और प्रदर्शनी दुनिया के बेहतरीन उपकरणों और सुविधाओं के साथ देख सकेंगे।
2018 से निर्माण की हुई शुरुआत
गौरतलब हो कि वर्ष 2015 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वाराणसी आये थे। उनके यहां आने के पहले ही सेंटर का खाका बना था। दो वर्ष पूर्व ओसाका में आयोजित जी-20 सम्मेलन में भी जापान के तत्कालीन पीएम शिंजाे अबे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच इसको लेकर चर्चा हुई थी। अब सज-धज कर तैयार सेंटर की वीडियो क्लिप जापान सरकार को भेजी गई है। यह भवन 2018 से बनना शुरू हुआ और यह स्मार्ट सिटी योजना के तहत बना है।
वाराणसी स्मार्ट सिटी के जनरल मैनेजर डॉ. डी वासुदेव बताते हैं किइसे 2020 में ही तैयार होना था। कोविड की वजह से इसके पूरे होने और उद्घाटन में देर हो गई। लेकिन अब यह तैयार हो गया है और पीएम इसका उद्घाटन करेंगे।
जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों की दिखेगी झलक
वहीं पीएम के कार्यक्रम को लेकर यूपी प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत-जापान के दोस्ती के प्रतीक सेंटर में प्रधानमंत्री रूद्राक्ष के पौधे का रोपण भी करेंगे। पूरे परिसर को जापानी शैली में सजाया जा रहा है। परिसर में जापानी बांस के साथ ही रंग बिरंगे कंकड़, बोन्साई पौधे, रंग बिरंंगी चटाई, रंगीन लालटेन, चीनी मिट्टी के बर्तन, चावल का पेपर, पुआल का प्रयोग कर खासतौर कला तैयार किया गया है। जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों का भी मेल इसमें देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान इन्डो जापान कला और संस्कृति की झलक भी दिखेगी।