जानिये पैरालंपिक खेलों में भारतीय पदक विजेताओं के बारे में
आगामी 24 अगस्त से टोक्यो में पैरालंपिक खेलों की शुरूआत होने जा रही है. इस बार के पैरालंपिक खेलों में भारत की ओर से कुल 54 एथलीट तीरंदाजी, एथलेटिक्स (ट्रैक एंड फील्ड), बैडमिंटन, तैराकी, भारोत्तोलन समेत नौ खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। यह किसी भी पैरालंपिक खेल में भारत द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा दल है। भारत ने 1968 के खेलों में अपनी शुरुआत के बाद से ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में कुल चार स्वर्ण, चार रजत और चार कांस्य पदक सहित 12 पदक जीते हैं। वर्ष 1972 में भारत ने पहली बार इन खेलों में अपना पहला पदक जीता था।
हीडलबर्ग पैरालंपिक (1972)
मुर्लिकांत पेटकर: 1 स्वर्ण पदक
वर्ष 1972 में मुर्लिकांत पेटकर ने हीडलबर्ग पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। उन्होंने पुरुषों की 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी स्पर्धा में 37.33 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता था। इस पदक के साथ ही भारत ने पैरालंपिक खेलों में अपना पहला पदक जीतकर अपना खाता खोला था। मुर्लिकांत पेटकर पैरालंपिक खेलों में भारत के पहले व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता थे।
न्यूयॉर्क (अमेरिका) और स्टॉक मैंडविल पैरालंपिक (1984)
जोगिंदर सिंह बेदी: 1 रजत, 2 कांस्य पदक
1) बेदी ने यूके में आयोजित 1984 स्टॉक मैंडविल पैरालंपिक की शॉटपुट स्पर्धा में रजत पदक और डिस्कस एवं भाला फेंक स्पर्धाओं में कांस्य पदक हासिल किया था। जानकारी के लिए बता दें कि जोगिंदर के नाम पैरालंपिक खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने वाले खिलाड़ी का रिकॉर्ड है।
भीमराव केसरकर: रजत पदक
2) भीमराव केसरकर ने भी इसी पैरालंपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता था। इसी प्रतियोगिता में जोगिंदर सिंह बेदी ने भी कांस्य पदक हासिल किया था।
एथेंस पैरालंपिक (2004)
1) देवेंद्र झाझरिया: स्वर्ण पदक
देवेंद्र झाझरिया ने एथेंस खेलों में पुरुषों की भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर पैरालंपिक खेलों में भारत के 20 साल के सूखे को खत्म किया था। एथेंस में 62.15 मीटर के अपने थ्रो के साथ झाझरिया ने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था। टोक्यो पैरालंपिक में भी झाझरिया भारत की ओर से भाला फेंक प्रतियोगिता में दावेदारी पेश करेंगे।
2) राजिंदर सिंह रहेलू: कांस्य पदक
एथेंस खेलों में दूसरे भारतीय पदक विजेता, रहेलू ने 56 किग्रा भारवर्ग में पुरुषों की पॉवरलिफ्टिंग स्पर्धा में 157.5 किग्रा उठाकर कांस्य पदक जीता था। रहेलू ने वर्ष 2008 के ग्रीष्मकालीन बीजिंग पैरालंपिक्स में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और अंतिम परिणाम में पांचवें स्थान पर रहे थे। वर्ष 2006 में रहेलू को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
लंदन पैरालंपिक (2012)
1) गिरीश नागराजेगौड़ा: रजत
2012 लंदन पैरालंपिक में एकमात्र भारतीय पदक विजेता, गिरीश नागराजेगौड़ा ने पुरुषों की ऊंची कूद में 1.74 मीटर की छलांग लगाकर रजत पदक जीता था। इस उपलब्धि के साथ नागराजेगौड़ा पुरुषों की ऊंची कूद प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।
रियो पैरालंपिक (2016)
1) देवेंद्र झाझरिया: स्वर्ण
झाझरिया ने रियो पैरालंपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में 63.97 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और पैरालिंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया था। इसके साथ ही झाझरिया ने अपने उस विश्व रिकॉर्ड को भी बेहतर किया था, जो उन्होंने 12 साल पहले एथेंस पैरालंपिक खेलों में बनाया था। जानकारी के लिए बता दें कि देवेंद्र झाझरिया अपना तीसरा स्वर्ण पदक जीतने के उद्देश्य से टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भी भाग ले रहे हैं।
2) मरियप्पन थान्गावेलु: स्वर्ण
मरियप्पन थान्गावेलु ने रियो पैरालंपिक खेलों में ऊंची कूद स्पर्धा में 1.89 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक जीता था। वह देश के अबतक के तीन स्वर्ण पदक विजेता पैरालिंपियनों में से एक हैं। तमिलनाडु के सलेम जिले के रहने वाले थान्गावेलु ने इस दौरान अपने एशियाई रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा था।
3) दीपा मलिक- रजत
दीपा मलिक पैरालंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला हैं। उन्होंने वर्ष 2016 में रियो पैरालंपिक खेलों में शॉटपुट स्पर्धा में 4.61 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता था। दीपा मलिक, वर्तमान में भारत की पैरालंपिक समिति की अध्यक्षा के रूप में कार्य करती हैं।
4) वरुण सिंह भाटी- कांस्य
वरुण सिंह भाटी ने रियो पैरालंपिक खेलों में ऊंची कूद प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था। वरुण ने इस प्रतियोगिता में 1.86 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। भारत के मरियप्पन थान्गावेलु ने इसी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था।