जानिये कैसे राष्ट्रीय खेल नीति से देश के एथलीटों को मिल रहा है फायदा
“पढोगे लिखोगे, बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे, होगे खराब”- अक्सर घर मे बडे बुजुर्गों से इस वाक्य को आपने कई बार सुना होगा, क्योंकि पुराने समय में एक धारणा थी कि सिर्फ पढ़ाई करने से बच्चे का भविष्य सुधरता है। इसी कारण माता-पिता अपने बच्चों को खेल कूद से दूर रखते थे। लेकिन, अब जमाना बदल चुका है। अब खेलोंगे कूदोगे बनोंगे नवाब का जमाना आ चुका है। आज खेलो के क्षेत्र मे हमारे एथलीट- ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप और तमाम विश्व स्तरीय टूर्नामेंट में नए-नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश का झंडा बुलंद कर रहे हैं। फिर चाहे ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू हो या मुक्केबाजी के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर चुकी लवलीना बोरगोहान की। इन दोनों ही खिलाड़ियों ने यह दर्शाया है कि अगर कुशल मार्गदर्शन हो और मजबूत मन हो, तो क्या कुछ नहीं किया जा सकता।
272 स्पोर्ट्स प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी
लोकसभा में पूछे गए राष्ट्रीय खेल नीति के प्रश्न का उत्तर देते हुए खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि खेलों इंडिया गेम्स के तहत अबतक कुल 1,756 करोड़ रुपए खर्च किये गए। इस दौरान 272 स्पोर्ट्स प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई, जिसकी कुल कीमत 1,735 करोड़ है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तर भारत में जहां-जहां क्रीड़ास्थल बनाये जा सकते हैं, वहां की मैपिंग की जा चुकी है। इन सभी क्रीड़ास्थलों को जीआई से टैग भी किया जा चुका है।
देश में अबतक तीन बार खेलों इंडिया गेम्स का आयोजन करवाया जा चुका है, इसके अलावा एक बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का भी आयोजन करवाया जा चुका है। इसके अलावा देश में 360 खेलों इंडिया के स्मार्ट सेंटर खोले गए हैं और 24 खेलों इंडिया सेंटर्स को भी चिन्हित किया गया है।
एथलीटों के काम आ रही राष्ट्रीय खेल नीति
खेलों को बढ़ावा देने तथा प्रतिभाशाली युवाओं को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने वर्ष 2001 में नई राष्ट्रीय खेल नीति बनाई थी। इसका उद्देश्य खेलों के आधार को व्यापक करते हुए उपलब्धियों में बढ़ाना था। इसका उद्देश्य देश में खेलों संरचनात्मक ढाँचे का विकास तथा उन्नतिकरण पर भी ध्यान देना था। राष्ट्रीय खेल नीति, 2001 का उद्देश्य केंद्र सरकार का राज्य सरकार, ओलंपिक संघ (आईओए) और राष्ट्रीय खेल महासंघ के साथ मिलकर खेल के “व्यापक-आधार” और “उत्कृष्टता प्राप्त करना” के दोहरे उद्देश्यों को आगे बढ़ाना है।
तत्कालीन वर्ष में भारत के संविधान की समवर्ती सूची में खेल को शामिल करने और राष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय क्षेत्राधिकार से जुड़े सभी मामलों के मार्गदर्शन के लिए उपयुक्त कानून की शुरूआत की भी बात की गई थी।
https://yas.nic.in/sites/default/files/National%20Sports%20Policy%202001.pdf
इस दौरान केंद्र सरकार का मुख्य लक्ष्य राष्ट्रीय खेल फेडरेशनों और दूसरी उपयुक्त संस्थाओं को सहायता प्रदान करना, खिलाड़ियों को वैज्ञानिक तथा प्रशिक्षण संबंधी गतिविधियों से अवगत कराना और महिलाओं, पिछड़ी जनजातियों तथा ग्रामीण युवाओं की खेल में भागीदारी को बढ़ावा देना था। इसके अलावा खेलों के उत्थान में संगठित क्षेत्रों की भागीदारी को बढ़ावा देना, जनता में खेलों के प्रति रुझान बढ़ाना और दूरदराज के क्षेत्रों में एथलीटों के लिए संरचनात्मक ढाँचे को तैयार करना भी केंद्र सरकार के प्रमुख लक्ष्यों में से एक था।
जब विश्वस्तरीय स्क्वैश कोर्ट से सुसज्जित हुआ मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 16 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री की मौजूदगी में मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में 6 स्क्वैश कोर्ट की आधारशिला रखी थी। 5.52 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के पूरे होने की अवधि अनुमानित तौर पर 6 महीने के रखी गई थी, जिसे समय से पहले ही पूरा कर लिया गया था।
500 निजी अकादमियों को निधि देने के लिए नई प्रोत्साहन संरचना की घोषणा
खेल मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 से शुरू होने वाले अगले चार वर्षों में खेलो इंडिया योजना के माध्यम से 500 निजी अकादमियों को आर्थिक सहायता देने के लिए प्रोत्साहन संरचना की शुरुआत की है।
राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की पुरस्कार राशि बढ़ाई
केंद्र सरकार ने 29 अगस्त 2020 को राष्ट्रीय खेल की सात श्रेणियों में से चार में पुरस्कार राशि बढ़ा दी। इस दौरान राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार की पुरस्कार राशि को 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये, अर्जुन अवार्ड को पांच लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये, द्रोणाचार्य (लाइफटाइम) अवार्ड को पांच लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये और द्रोणाचार्य (नियमित) अवार्ड की पुरस्कार राशि को पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया गया।
इसके अलावा खेल मंत्रालय ने ध्यानचंद पुरस्कार विजेताओं की पुरस्कार राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया। इन पुरस्कार राशियों को बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य खेल शख्सियतों के मनोबल को बढ़ाना और नागरिकों में खेल के प्रति सकारात्मक माहौल बनाना है।
ब्रिक्स देशों के बीच संस्कृति और खेल के क्षेत्र में सहयोग पर एमओयू को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संस्कृति और खेल के क्षेत्र में सहयोग पर एक एमओयू की मंजूरी दी गई थी। इस एमओयू पर 25 नवंबर 2020 को ब्रिक्स देशों ने दस्तखत किए थे। पांच देशों के बीच खेल के क्षेत्र में सहयोग से खेल विज्ञान, खेल चिकित्सा, कोचिंग तकनीक आदि के क्षेत्र में ज्ञान और विशेषज्ञता का विस्तार करना इस एमओयू का प्रमुख लक्ष्य था, जिससे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार हो और ब्रिक्स सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मदद मिले।
फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत
फिट इंडिया अभियान, लोगों को स्वस्थ रहने और शारीरिक गतिविधियों और अपने दैनिक जीवन में खेल को शामिल करके फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 29 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर इंदिरा गांधी स्टेडियम, नई दिल्ली में शुरू की गई थी। फिट इंडिया मूवमेंट के तहत कई पहलों की शुरुआत की गई, जिसमें फिट इंडिया साइक्लोथॉन, फिट इंडिया वॉकथॉन, फिट इंडिया स्कूल सप्ताह, फिट इंडिया फ्रीडम रन, फिट इंडिया वार्ता और फिट इंडिया योग दिवस शामिल हैं।
प्रधानमंत्री और खेल मंत्री दोनों ने दिया सहयोग
टोक्यो ओलंपिक में शामिल होने जा रहे एथलीटों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 13 जुलाई को संवाद किया था। इस दौरान उनका प्रमुख लक्ष्य खिलाड़ियों को तनावरहित रखना और एथलीटों को भरोसा दिलाना था कि मेडल आये या न आये, एथलीट तनावरहित होकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दें। यह उसी संवाद का नतीजा है कि महज 7 दिनों में ही टोक्यो ओलम्पिक में भारत एक रजत पदक और कुल 7 खिलाड़ी अबतक क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर चुके हैं। यह इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि भारत ने वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में 13 मेडल (5 गोल्ड समेत), तीरंदाजी विश्वकप में 3 गोल्ड मेडल, शूटिंग विश्वकप में 14 मेडल जीते हैं।
प्रधानमंत्री के अलावा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस सन्दर्भ में नेशनल स्टेडियम में बीते सप्ताह आयोजित हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि हमारा उद्देश्य है कि हमारे एथलीट किसी दबाव में न रहें, वे सभी अपना सर्वश्रेष्ठ दें, पूरा देश उनके साथ खड़ा है और उनके उत्साहवर्धन के लिए चीयर फॉर इंडिया कर रहा है।