देश में आए डेल्टा वेरिएंट के 48 मामले, सरकार ने दिया राज्यों को ट्रैकिंग, टेस्टिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाने का आदेश लिंक पर क्लिक कर पढ़िए क्या है डेल्टा वेरिएंट और उससे बचाव के उपाय @PMOIndia @drharshvardhan @AshwiniKChoubey @RenuSwarup
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भारत में कोविड की दूसरी लहर के बाद एक बार फिर कोरोना के एक नए वेरिएंट की चर्चा हो रही है। इस नए वेरिएंट को डेल्टा प्लस कहा जा रहा है। देश में कोरोना के इस नए रूप के अभी तक 48 से ऊपर मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने 8 राज्यों को चिट्ठी लिखकर कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिए अलर्ट किया है। चिट्ठी में कहा गया है कि इस वेरिएंट को देखते हुए टेस्टिंग, ट्रैकिंग और वैक्सीनेशन की रफ्तार को और बढ़ाने की जरूरत है। जहां-जहां भी डेल्टा प्लस के केस मिलते हैं, वहां सख्त कंटेनमेंट के इंतजाम किए जाएं। इसमें कोताही न बरती जाए।
➡️No. of #DeltaPlusVariants in India are only few but it is already present in some States
➡️Such States need to enhance their public health response by focusing on:
• Surveillance
• Enhanced testing
• Quick contact-tracing
• Priority vaccination pic.twitter.com/1BK5jp77GS— #IndiaFightsCorona (@COVIDNewsByMIB) June 25, 2021
ऐसे में बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में जानना बेहद जरूरी है। तो आइए समझते हैं कि आखिर ये डेल्टा वेरिएंट क्या है, यह कितना खतरनाक है, इसके लक्षण और भारत इससे लड़ने के लिए कितना तैयार है?
क्या है डेल्टा-प्लस वेरिएंट
कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेल्टा नाम दिया है। अब B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N हुआ है, जो इससे पहले कोरोनावायरस के बीटा और गामा वेरिएंट्स में भी मिला था। नए म्यूटेशन के बाद बने वेरिएंट को डेल्टा प्लस वेरिएंट या AY.1 या B.1.617.2.1 कहा जा रहा है।
क्या डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है?
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज के डायरेक्टर डॉ. सुजीत कुमार सिंह कहते हैं कि चूंकि डेल्टा वेरिएंट पहले से ही वेरिएंट ऑफ कंसर्न है इसीलिए इसके सब-लिनीएज को भी वेरिएंट ऑफ कंसर्न ही कहा जायेगा। वह कहते हैं, “प्लस का ये मतलब नहीं है कि वह ज्यादा तीव्रता के साथ लोगों को संक्रमित करेगा या कोई ज्यादा सिवीयर डिजीज करेगा। ये प्लस इंगित नहीं करता।”
डॉ. सुजीत आगे कहते हैं कि आज की तारीख में भारत में 12 जिलों में केस पाए गए हैं। यह किसी एक राज्य में बढ़ता हुआ ट्रेंड नहीं दिखा रहे हैं। इसके म्यूटेशन वही हैं, जो डेल्टा के थे। जो ट्रांसमिशन पोटेंशियल उस वेरिएंट में था वही इसमें भी रहेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 25 जून तक देश में 48 डेल्टा वेरिएंट के केस पाए गए हैं। मध्य प्रदेश में 7 केस, महाराष्ट्र में 20, पंजाब और गुजरात में 2-2 केस, केरल में 3, तमिलनाडु में 9 और आंध्र प्रदेश, जम्मू, कर्नाटक, राजस्थान और उड़ीसा में 1-1 केस पाए गए हैं।
डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कितनी असरदार है वैक्सीन?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 25 जून तक भारत में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 केस नोट किये गए हैं। वहीं दुनिया के 12 देशों में भी इसके केस दर्ज किए जा चुके हैं। आईसीएमआर के डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव कहते हैं कि भारत की दोनों वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ असरदार हैं, वहीं डेल्टा प्लस वेरिएंट पर यह असर करती है या नहीं इसके रिजल्ट 7-10 दिन में सभी के सामने आएंगे।
देशभर की 28 लैब में हो रही है सैंपल की जांच
डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की सेक्रेटरी डॉ. रेणु स्वरूप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोम सिक्वेंसिंग कंसोर्टिया (INSACOG) 28 प्रयोगशालाओं के अपने नेटवर्क के साथ देशभर में 300 साइटों से वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न के सैंपल इक्कट्ठे कर रहा है। इंसेकोग (INSACOG) अस्पतालों से वैक्सीनेशन के बाद रीइंफेक्शन, गंभीर मामलों और संक्रमण के सैम्पल्स की भी जांच कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 25 जून तक देश में 45,000 से अधिक सैम्पल्स कलेक्ट किये गए हैं, जिनमें से कुल 48 केस डेल्टा प्लस वेरिएंट के मिले हैं।
#IndiaFightsCorona #DeltaPlusVariant 48 cases found in 10 states from 45,000 samples, including retrospective samples (Till 25 June, 2021)#Unite2FightCorona #StaySafe pic.twitter.com/XXXrUKlHlA
— #IndiaFightsCorona (@COVIDNewsByMIB) June 25, 2021
डेल्टा प्लस से बचने के लिए सरकार की गाइडलाइन
डेल्टा प्लस वेरिएंट को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं-
1. इनमें कहा गया है कि जिन राज्यों या जिलों में डेल्टा प्लस के मरीज मिले हैं, वहां भीड़ को रोकने और लोगों के मिलने-जुलने और आवाजाही पर नियंत्रण के लिए तत्काल जरूरी उपाय किए जाएं।
2. इसके साथ, जिन जिलों में डेल्टा प्लस के केस मिले हैं, वहां तत्काल प्रभाव से कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं।
3. पाबंदियों का सख्ती से पालन कराया जाए।
4. कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों के पर्याप्त नमूने तत्काल भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्सिया की प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं।