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महिलाएं हमेशा से मजबूत रही हैं, बस उन्हें अपनी ताकत और हुनर को पहचानने की जरूरत होती है। ऐसे में हमें भी हमारे घर और समाज की महिलाओं के योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। दरअसल, महिलाएं मुश्किल से मुश्किल घड़ी में भी डटकर कठिनाई का मुकाबला करना जानती हैं और जहां अकेली महिला की बजाय महिलाओं का समूह खड़ा हो तो ‘नारी शक्ति’ के आगे मुश्किल और कठिनाई भी उल्टे पांव दौड़ लगाती नजर आ सकती है। ठीक ऐसा ही हुआ है हरियाणा के एक गांव में, जहां कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद एक भी मामला सामने नहीं आया है। इसके पीछे गांव की ‘नारी शक्ति’ का बड़ा योगदान है।
गांव की महिलाओं ने लोगों को किया जागरूक
जी हां, सोनीपत जिला के मोजमपुर गांव के लोगों की जागरूकता के कारण वहां कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। 457 लोगों के मोजमपुर गांव के लोगों ने पिछले साल व इस साल लगातार कोरोना से बचाव के तरीकों को अपनाया व इन्हें अपने जीवनचर्या में शामिल कर लिया है। गांव के लोगों में इस जागरूकता के लिए यहां की महिलाओं को श्रेय जाता है। यहां की महिलाएं न केवल अपने परिवार को कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने व हाथों को साफ रखने का महामंत्र बताती हैं, बल्कि दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करती हैं। नतीजा बेहद सुखद है कि आज गांव में एक भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं है। लोग अपने रोजमर्रा के कामों को उसी तरह से कर रहे हैं, जैसे पहले किया करते थे।
गांव के लोगों में टीका लगवाने के प्रति भी उत्साह
गांव की आंगनवाड़ी वर्कर सुनीता बताती हैं कि पिछले साल से ही गांव के लोगों ने मिलकर ठान लिया था कि इस वायरस के खिलाफ सभी को मिलकर लड़ना है। यही वजह है कि गांव के लोगों ने बाहर से आने वाले लोगों से दूरी बनाये रखी। बाहर से आने वाले लोगों का पूरा आदर सत्कार किया जाता है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए। यहां कुछ शादियां भी हुई हैं, लेकिन सीमित संख्या में ही लोगों ने भाग लिया। 47 साल की सुनीता बताती है कि गांव में किसी को कोई बीमारी होती भी है तो वे डॉक्टरों की टीम को बुला लिया करते हैं, जिससे गांव के लोगों की जांच भी हो जाया करती है, लेकिन किसी भी जांच में कोरोना संक्रमण नहीं निकला। वे बताती है कि अब लोग टीका लगवाने के प्रति भी उत्साहित हैं। काफी लोगों ने टीके के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है।
महिलाओं ने गांव में इस प्रकार चलाया जागरूकता अभियान
कोरोना काल में जब सारे लोग घर में दुबके हुए थे, तो मोजमपुर गांव की महिलाएं बिना डरे लोगों को जागरूक करने निकल पड़ती हैं। यहां की आंगनवाड़ी वर्कर महिलाओं को साथ लेकर लोगों को मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और हाथ साफ रखने के लिए सैनिटाइजर का प्रयोग करने के लिए जागरूक करती हैं। गांव की महिला सरोज बताती हैं कि गांव की महिलाएं कभी डरती नहीं हैं, हर परिस्थिति में परिवार और समाज को संभालती हैं। हम सप्ताह में एक बार गीत गाते हुए गांव का चक्कर लगाती हैं, व जिन लोगों ने मास्क नहीं लगा रखा होता है, उन्हें टोकती भी हैं। गांव के लोग बात भी मानते हैं क्योंकि उन्होंने भी इस महामारी के प्रकोप के परिणाम को टीवी पर देखा और सुना है।
वे बताती हैं कि आस-पास के गांव के लोगों में कोरोना संक्रमण फैलने की खबर के कारण लोग ज्यादा सतर्क रहे। कुलमिलाकर कोरोना के खिलाफ इस जंग में अभी तक इस गांव के सभी लोगों ने साथ दिया और वायरस को आने नहीं दिया।
(इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार)