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देश में कोविड की स्थिति पर केंद्र अपनी नजर बनाए हुए हैं। इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लेकर डॉक्टरों और अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इसी क्रम में पीएम मोदी ने आज फिर 10 राज्यों के जिला स्तर के महामारी नियंत्रण में लगे अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया।
बैठक में पीएम ने कोरोना संक्रमण की घटती दर के बावजूद ढिलाई नहीं बरतने पर जोर देते हुए कहा कि चुनौती तब तक बनी रहती है, जब तक कि यह संक्रमण मामूली पैमाने पर भी मौजूद है। कोरोना को रूप बदलने में माहिर बताते हुए उन्होंने इससे निपटने के तौर-तरीकों में बदलाव के साथ ही वैक्सीन की बर्बादी को लेकर आगाह किया। वहीं, अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अपने-अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति में सुधार के बारे में जानकारी दी।
बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं।
लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है: PM @narendramodi pic.twitter.com/oEU4A0ZK8c
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) May 20, 2021
इस दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से छोटे शहरों व गावों में कोविड से निपटने में अपनाए जा रहे उपायों का जाना। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना को फैलने से रोकने पर जोर देते हुए कुछ टिप्स भी साझा किये।
‘अनुभवों और फीडबैक से प्रभावी नीतियां बनाने में मिलती है मदद’’
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से गांवों को कोरोना मुक्त रखने और मामलों में गिरावट आने पर भी कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का संदेश फैलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं। आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है। उन्होंने कहा कि फील्ड में किए गए, आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक से ही प्रैक्टिकल और प्रभावी नीतियां बनाने में मदद मिलती है। टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक स्टेकहोल्डर से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।
निरंतर बदलाव, निरंतर प्रयोग बहुत जरूरी
पीएम मोदी ने कहा पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर प्रयोग बहुत जरूरी है। ये वायरस म्यूटेशन में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और रणनीतियां भी विस्तृत होने चाहिए।
जीवन बचाने के साथ-साथ जीवन को आसान बनाना भी प्राथमिकता
वैक्सीन की बर्बादी को लेकर आगाह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना। इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो, कालाबाजारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।