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सरकार के घरेलू उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों से कोविड 19 के उपचार में काम आने वाली दवाओं की आपूर्ति-मांग में संतुलन बहुत हद तक स्थापित हो गया है। केन्द्रीय मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने 1 जून को कहा कि सरकार ने घरेलू उत्पादन बढ़ाने के निरंतर कई प्रयास किए हैं। इस कारण देश भर में इनके उत्पादन में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है । मांग की तुलना में पर्याप्त आपूर्ति के लिए रेमडेसिविर के उत्पादन को 10 गुना बढ़ा दिया गया है। वहीं देश में म्यूकोरमाइकोसिस के उपचार में काम आने वाले एम्फोटेरिसिन बी की भी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
Government has imposed restrictions on the export of Amphotericin-B injections. Amphotericin-B injections are used in the treatment of Mucormycosis, often known as Black Fungus. pic.twitter.com/xfBWCU2mBT
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) June 2, 2021
21 अप्रैल से अब तक रेमडेसिविर के 98.87 लाख इंजेक्शन किए गए हैं आवंटित
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि 21 अप्रैल 2021 से 30 मई 2021 के बीच राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को रेमडेसिविर के 98.87 लाख इंजेक्शन आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ने के साथ जून के अंत तक 91 लाख इंजेक्शनों की आपूर्ति की योजना है।
केंद्र सरकार ने की हर संभव सहायता
बता दें, अप्रैल में कोविड के मामलों में वृद्धि होने के कारण रेमडेसिविर की मांग अचानक बढ़ गई थी। उस वक्त स्थिति को देखते हुए इसका उत्पादन बढ़ा दिया गया था। इसके अलावा, इसके आयात को भी सीमा शुल्क से मुक्त कर दिया गया था। इस दौरान केंद्र सरकार निर्माताओं के लगातार संपर्क में रहकर विदेश मंत्रालय की सहायता से इसके निर्माण में लगने वाले अवयवों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में लगी थी।
इंजेक्शनों की पर्याप्त उलब्धता सुनिश्चित करने की भी हो रही पूरी कोशिश
उन्होंने जानकारी दी कि इन इंजेक्शनों के अलावा सिप्ला ने 25 अप्रैल से 30 मई, 2021 तक टोसिलिजुमैब के 400 एमजी के 11,000 इंजेक्शन और 80 एमजी के 50,000 इंजेक्शन आयात किए हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय को मई में 400 एमजी के 1,002 इंजेक्शन और 80 एमजी के 50,024 इंजेक्शन सहायता के रूप में प्राप्त हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 200 एमजी के 1,000 इंजेक्शन और 80 एमजी के 20,000 इंजेक्शन के जून में पहुंचने की आशंका है।
11 मई से 30 मई तक एम्फोटेरिसिन बी के लगभग 2,70,060 इंजेक्शन किए गए आवंटित
एम्फोटेरिसिन बी एक एंटीफंगल दवा है, जिसका उपयोग आमतौर पर गंभीर फंगल संक्रमण के लिए किया जाता है। वर्तमान में इसका उपयोग म्यूकोरमाइकोसिस के उपचार में किया जा रहा है। रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने जानकारी दी कि 11 मई 2021 से 30 मई 2021 के बीच, एम्फोटेरिसिन बी के लगभग 2,70,060 इंजेक्शन राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों और केन्द्रीय संस्थानों को आवंटित कर दिए गए हैं।
31 मई को इन्होंने ही ट्वीट कर कि केंद्र ने एम्फोटेरिसिन-बी टीकों की 30 हजार से अधिक अतिरिक्त शीशियां राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को उपलब्ध कराने की जानकारी दी थी।
Additional 30100 vials of #Amphotericin-B have been allocated to all the States/UTs and Central Institutions today.#blackfungus#AmphotericinB pic.twitter.com/UrB6E3bYwQ
— Sadananda Gowda (@DVSadanandGowda) May 31, 2021
इसके अलावा मई के पहले सप्ताह में राज्यों को विनिर्माता कंपनियों द्वारा बनाए गए 81,651 इंजेक्शनों की आपूर्ति की गई थी।
बढ़ी हुई मांग को देखते हुए एम्फोटेरिसिन-बी का भी बढ़ाया गया उत्पादन
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने ट्वीट कर बताया कि वर्तमान समय में एम्फोटेरिसिन-बी की बढ़ी हुई मांग को देखते हुए देश में इसका उत्पादन बढ़ा दिया गया है। मई में किए गए घरेलु उत्पादन के परिणामस्वरूप देश में फिलहाल इसकी 1.63 लाख शीशियां उपलब्ध हैं। उन्होंने अप्रैल में हुए उत्पादन की तुलना में मई में एम्फोटेरिसिन-बी के उत्पादन के 260 प्रतिशत अधिक होने की भी जानकारी दी।
With sudden rise in demand for #Amphotericin–B, used in the treatment of #Mucormycosis, domestic production was ramped up immediately.
Over 1.63 lakh vails are available from existing domestic manufacturers in May which is about 260% higher than production in April.@PIB_India
— Sadananda Gowda (@DVSadanandGowda) June 1, 2021
विदेशों से भी मिली सहायता
हाल ही में भारत को आइसलैंड से 12,000 फेविपिराविर टैबलेट्स मिले हैं। 30 मई को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 27 अप्रैल 2021 से 29 मई 2021 तक भारत को अंतरराष्ट्रीय कोविड-19 राहत मेडिकल सप्लाई के रूप में विभिन्न देशों से 12 लाख फेविपिराविर टैबलेट्स और 7.7 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियां मिली हैं। इन देशों में अमेरिका, मिस्र, कनाडा आदि शामिल हैं। इनके अलावा कैलिफोर्निया की गिलियड साइंसेज नाम की कंपनी ने भारत को रेमडेसिविर की सबसे ज्यादा खेप भेजी है।
कोविड-19 के उपचार में काम आने वाली दवाओं की उपलब्धता की लगातार हो रही समीक्षा
उन्होंने कहा कि कोविड के उपचार में काम आने वाली डेक्सामेथैसोन, मिथाइलप्रेडनिसोलोन, एनोक्सापैरिन, फैविपिराविर, आइवरमेक्टिन, डेक्सामेथेसोन टैबलेट जैसी अन्य दवाओं के उत्पादन, आपूर्ति और भंडारण की स्थिति की साप्ताहिक आधार पर समीक्षा भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन दवाओं का उत्पादन बढ़ गया है और मांग पूरी करने के लिए स्टॉक उपलब्ध है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार दवाओं की मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा और नए विनिर्माताओं के साथ कोविड-19 के उपचार में काम आने वाली दवाओं की उपलब्धता की लगातार समीक्षा कर रही है।