एमपी में 5 करोड़ से अधिक लोगों को मिल रहा है मुफ्त अनाज
मध्यप्रदेश में सरकार, केंद्र सरकार की सहायता से हर गरीब को अनाज उपलब्ध करवा रही है। इसी का नतीजा है कि अब वहां 5 करोड़ से अधिक लोग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ ले रहे हैं। इसी सफलता से उत्साहित होकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की थी।
राज्य सरकार द्वारा योजना के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए एक गहन अभियान चलाया जा रहा है ताकि कोई पात्र व्यक्ति सहायता से वंचित न रहे। राज्य 7 अगस्त, 2021 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना दिवस के रूप में मना रहा है। मध्य प्रदेश में लगभग पांच करोड़ लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल रहा है।
कोविड से मिलकर लड़ रहा है पूरा देश
कोविड-19 महामारी को सदी की सबसे बड़ी आपदा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश इस चुनौती से लड़ने के लिए पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है। उन्होंने दोहराया कि संकट से निपटने की रणनीति में भारत ने गरीबों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पहले दिन से ही गरीबों और मजदूरों के भोजन एवं रोजगार पर ध्यान दिया गया है। न केवल 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को मुफ्त राशन मिल रहा है बल्कि आठ करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिला है।
प्रधानमंत्री ने की MSP पर फसल खरीद की तारीफ
राज्य में डबल इंजन सरकार के लाभों के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने रिकॉर्ड एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) खरीद के लिए राज्य सरकार की सराहना की। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल 17 लाख से अधिक किसानों से गेहूं खरीदा और 25 हजार करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में जमा किए गए। राज्य में इस वर्ष सर्वाधिक गेहूँ क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। ‘डबल-इंजन सरकारों’ में, राज्य सरकारें केंद्र सरकार की योजनाओं में मदद देती है और सुधार करती हैं तथा उनकी ताकत को बढ़ाती हैं।
एमपी में अधिकांश अनाज हुआ आवंटित
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में, आठ महीने की अवधि के लिए, यानी अप्रैल 2020 से नवंबर 2020 तक, पीएम-जीकेएवाई के तहत, मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लाभार्थियों को पांच किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से मुफ्त वितरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 21.9 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया था। इसी तरह, मध्य प्रदेश राज्य के लिए 2021 में सात महीने की अवधि के लिए यानी मई 2021 से नवंबर 2021 तक, पीएम-जीकेएवाई के तहत, 16.89 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न के आवंटन का प्रावधान किया गया है। पीएम-जीकेएवाई 2020 (अप्रैल से नवंबर 2020) के तहत मध्य प्रदेश में औसतन 85.4% खाद्यान्न वितरित किया गया था और पीएम-जीकेएवाई 2021 (यानी मई से नवंबर 2021 तक) के तहत, अब तक मध्य प्रदेश में मई 2021 से जुलाई 2021 तक औसतन लगभग 89% खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है।
एमपी ने की मजबूत सार्वजनिक वितरण प्रणाली की स्थापना
मध्य प्रदेश ने एक स्वचालित आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और राज्य में लगभग 100% एनएफएसए राशन कार्डों के आधार पर एक तकनीकी रूप से मजबूत सार्वजनिक वितरण प्रणाली की स्थापना की है। राज्य में खाद्यान्न का वितरण अधिकतम पारदर्शिता के साथ किया जाता है, इसमें औसतन 90.6% से अधिक आधार प्रमाणित पीडीएस लेनदेन शामिल हैं, जो हाल के महीनों में तेजी से बढ़ रहा है।
एक राष्ट्र एक राशन कार्ड से मिला फायदा
महत्वाकांक्षी ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ (ओएनओआरसी) योजना, जो कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री के प्रौद्योगिकी संचालित प्रणाली सुधारों का एक अभिन्न हिस्सा है, जनवरी 2020 से राज्य में कार्यान्वित की गई। इसकी शुरुआत के बाद से राज्य में लगभग एक करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन (अंतर-राज्य लेनदेन सहित) दर्ज किए गए हैं। ओएनओआरसी योजना वर्तमान में 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है और एनएफएसए लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से एनएफएसए के तहत मिलने वाले खाद्यान्न हासिल करने में मदद कर एक बदलाव वाहक के रूप में काम कर रही है।