इतिहास के पन्नों में: आज के ही दिन "मास्टर ब्लास्टर" ने जड़ा था पहला अंतरराष्ट्रीय शतक
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने आज ही के दिन अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक जमाया था। यह शतक सचिन और भारतीय टीम दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। उनके इस शतक ने भारत को अंतिम दिन हार से बचाया था। यह मैच मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के लिए काफी यादगार रहा। इस मैच में सचिन ने 189 गेंदों का सामना करते हुए 119 रनों की पारी खेलकर इतिहास रच दिया। यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक था। सचिन उस समय सिर्फ 17 साल के थे और वह टेस्ट में शतक जमाने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने। उनकी इस बेहतरीन बल्लेबाजी के चलते भारत यह मुकाबला ड्रॉ कराने में सफल रहा। इसके बाद तेंदुलकर ने फिर कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा।
जानकारी के लिए बता दें कि सचिन के नाम टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा शतक और सबसे अधिक मैच खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है। अपने 24 साल लम्बे करियर के दौरान सचिन ने छह विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया। वह 2011 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे।
1990 में लगाया था पहला शतक
वर्ष 1990 में भारतीय क्रिकेट टीम मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने इंग्लैंड गई। इस सीरीज का दूसरा टेस्ट मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड पर खेला गया। 9 से 14 अगस्त के बीच ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट मैदान पर खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। इंग्लिश टीम का पारी का आगाज करने उतरे ग्राहम गूच और माइक अथर्टन ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त कर दिया था।
दोनों सलामी बल्लेबाजों ने शतक लगाते हुए पहले विकेट के लिए 225 रनों की साझेदारी की। गूच 116 और अर्थटन 131 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद मध्यक्रम में डेविड गावर, एलन लैंब और जैक रसेल के फ्लॉप होने के बाद रॉबिन स्मिथ दीवार की तरह सामने आ गए और उन्होंने 121 रनों की नाबाद पारी खेल कर इंग्लैंड की पहली पारी को 519 रनों तक पहुंचा दिया।
भारत की ओर से इस पारी में नरेंद्र हीरवानी ने 4 और अनिल कुंबले में 3 विकेट लिए।
अजहरुद्दीन-मांजरेकर और सचिन ने किया पलटवार
भारत की पहली पारी की शुरुआत खराब रही और पहला विकेट 25 रन पर गिर गया। सलामी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू 13 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद रवि शास्त्री भी बहुत देर तक नहीं टिक पाए और वह भी 25 रन बनाकर चलते बने। इसके बाद मध्यक्रम में संजय मांजरेकर और कप्तान अजहरुद्दीन ने टीम इंडिया के संभाला। मांजरेकर ने 93 रनों की पारी खेली वहीं कप्तान अजहर ने 179 रन बनाए। इस दौरान छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे सचिन ने भी 68 रनों की अहम पारी खेली। भारत ने अपनी पहली पारी में 432 रन बनाए। इंग्लिश टीम की ओर से एंगस फ्रेजर ने सबसे अधिक 5 विकेट लिए। इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर महज 87 रनों की बढ़त मिली।
इंग्लैंड ने की तेज शुरुआत
इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में भी तेज शुरुआत की। दूसरी पारी में इंग्लैंड की तरफ से एलन लैंब ने सर्वाधिक 109 रन बनाए। इसके अलावा माइक अथर्टन ने 74 और रॉबिन स्मिथ ने नाबाद 61 रनों की पारी खेली। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 4 विकेट के नुकसान पर 320 रन बनाकर पारी घोषित की। इस तरह इंग्लैंड ने भारत को जीत के लिए 408 रनों का लक्ष्य दिया।
भारत लड़खड़ाया, सचिन ने ठोंका शतक
408 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत काफी खराब रही और पहला विकेट 4 रनों पर गिरा। पारी का आगाज करने उतरे नवजोत सिंह सिद्धू खाता तक नहीं खोल सके। मध्यक्रम में संजय मांजरेकर और दिलीप वेंगसरकर ने कुछ देर तक मैच को खींचा। मांजरेकर 50 रन बनाकर आउट हुए, जबकि वेंगसरकर ने 32 रनों की पारी खेली। दूसरी पारी में कप्तान अजहरुद्दीन कुछ खास नहीं कर पाए और वह 11 रन बनाकर आउट हुए।
इसके बाद छठे नंबर पर सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करने आए। उन्होंने कपिल देव के साथ भारतीय पारी को आगे बढ़ाया। लेकिन सचिन के आते ही कपिल देव (26 रन बनाकर) आउट हो गए।
कपिल के बाद बल्लेबाजी करने आए मनोज प्रभाकर ने सचिन का बेहतरीन साथ दिया। वह 67 रन बनाकर नाबाद रहे। इस दौरान सचिन ने 189 गेंदों का सामना करते हुए 119 रनों की पारी खेलकर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक जड़ा। उनकी इस सूझबूझ भरी बल्लेबाजी के चलते भारत यह मुकाबला ड्रॉ कराने में सफल रहा।