आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सीजीपीडीटीएम कार्यालय 10 लाख छात्रों को देगा प्रशिक्षण पूरी जानकारी के लिए वीडिओ देखें
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TITLE – आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सीजीपीडीटीएम कार्यालय 10 लाख छात्रों को देगा प्रशिक्षण
THUMBNAIL – आईपीआर दाखिल शुल्क में 80% की कमी
10 लाख छात्रों को मिलेगा प्रशिक्षण
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वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में एक कार्यक्रम में विजेताओं को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार 2020 प्रदान किया। हर साल राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार पेटेंट डिजाइन और ट्रेडमार्क नियंत्रक, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के कार्यालय द्वारा प्रदान किए जाते हैं। इसके तहत आईपी निर्माण, व्यावसायीकरण और प्रवर्तन के लिए व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों, उद्यमों, पुलिस इकाइयों और अन्य कानूनी संस्थाओं को शामिल करने वाले शीर्ष प्राप्तकर्ताओं को पुरस्कृत किया जाता है, जिन्होंने देश में आईपी इको-सिस्टम को मजबूत करने और रचनात्मकता और नवाचार को प्रोत्साहित करने में योगदान दिया है।
हर साल दिए जाते हैं ये पुरस्कार
बौद्धिक संपदा किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा सृजित संगीत, साहित्यिक कृति, कला, खोज, प्रतीक, चित्र, डिजाइन आदि को कहते हैं। भारतीय बौद्धिक संपदा कार्यालय हर साल पेटेंट, डिजाइन, ट्रेडमार्क और भौगोलिक संकेतों के क्षेत्र में उत्कृष्ट आविष्कारकों, संगठनों और कंपनियों को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा पुरस्कार प्रदान करता है। पुरस्कार के रूप में 1 लाख रुपए की पुरस्कार राशि, प्रशस्ति पत्र,और स्मृति चिन्ह दिया जाता है। वर्ष 2000 से 26 अप्रैल को प्रति वर्ष विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1970 में इसी दिन विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना करने वाला कन्वेंशन लागू हुआ था।
पिछले 4 वर्षों में 14.2 लाख ट्रेडमार्क पंजीकरण किए गए
पिछले कुछ वर्षों से नवाचार में भारतीयों ने कई आयाम स्थापित किए हैं। वर्ष 2013-14 के दौरान 4,227 पेटेंट प्रदान किए गए थे जबकि वर्ष 2020-21 में इसकी तुलना में 572% की वृद्धि के साथ 28,391 पेटेंट प्रदान किए गए। इस दिशा में सरकार भी तत्परता से कार्य कर रही है। पिछले साल दिसंबर में ही पेटेंट परीक्षा के समय को 72 महीने से घटाकर 12-24 महीने कर दिया गया है। 1940-2015 के दौरान किए गए 11 लाख ट्रेडमार्क पंजीकरण की तुलना में पिछले 4 वर्षों में 14.2 लाख ट्रेडमार्क पंजीकरण किए गए।
केंद्रीय मंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
इस अवसर पर भी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कई घोषणाएं की-
• सभी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों के लिए आईपीआर दाखिल शुल्क में 80% कमी की गई, चाहे संस्थान भारत में हो या भारत के बाहर का हो।
• एक संस्थान के लिए कुल शुल्क जिसमें फाइलिंग, प्रकाशन और नवीनीकरण शुल्क शामिल हैं जो पहले 4,24,500/- रुपए थी, घटाकर 84,900/- रुपए किया गया।
• आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान, जो 15 अगस्त, 2021 से 15 अगस्त, 2022 तक चलेगा, सीजीपीडीटीएम का कार्यालय (आईपी कार्यालय) 10 लाख छात्रों को प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करेगा।
सरकार के इन प्रयासों से भारतीय कंपनियों को कई लाभ मिलेंगें। इन सुविधाओं के बाद शोध और अनुसंधान में जुटे लोग आसानी से पंजीकरण करवा पाएंगे। प्रशिक्षण मिलने से ज्यादा से ज्यादा छात्र नवाचार, कला एवं साहित्य के क्षेत्र में अपना हाथ आजमाना चाहेंगे। इस वीडिओ में बस इतना ही, नमस्ते।