अगले साल से इन सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम पर होगी पूरी तरह से रोक
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1856 में जब इंग्लैंड के एलेग्जेंडर पार्केस ने सबसे पहले प्लास्टिक की खोज की तब इसे पूरी दुनिया में सराहा गया….लेकिन आज अपनी खोज के करीब 160 साल बाद यही प्लास्टिक मानव और पर्यावरण के लिए अभिशाप बन गया है। अब इसे नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने 13 अगस्त को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमों को जारी किया है। इसके तहत एक बार इस्तेमाल किये जाने वाले प्लास्टिक यानि सिंगल यूज प्लास्टिक के आइटम पर बैन लगाया जाएगा। मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं की वजह से पर्यावरण प्रदूषण पूरे विश्व के सामने एक चुनौती बन गया है। लेकिन, भारत, सिंगल यूज प्लास्टिक की वजह से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके तहत उन सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम को लिस्टेड किया गया है, जिनका निर्माण, आयात, स्टोरेज, वितरण और बिक्री 1 जुलाई, 2022 से प्रभावी रूप से बंद हो जाएगी। केंद्र सरकार का सपना अगले साल तक भारत को सिंगल-यूज प्लास्टिक-मुक्त बनाना है और इसी दिशा में ये अहम कदम उठाया गया है। इसमें पॉलीथिन बैग की मोटाई में बदलाव किए गए हैं। इस साल 30 सितंबर से, प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 75 माइक्रोन कर दी गयी है। बता दें, ये नियम 30 सितंबर से शुरू होंगे और दो चरणों में लागू किए जाएंगे।
दो चरणों में होगा बैन
दरअसल, देश में 50 माइक्रोन से कम के पॉलिथीन बैग पर पहले से ही बैन लगाया हुआ है। लेकिन, नए नियमों के तहत अगले साल 31 दिसंबर से 75 माइक्रोन से कम मोटाई के पॉलिथीन बैग और 120 माइक्रोन से कम के बैग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जो अधिसूचना जारी की गई है, उसमें कहा गया है कि 1 जुलाई, 2022 से पॉलीस्टाइरिन और एक्सपैंडेड पॉलीस्टाइरिन के साथ सिंगल यूज वाली प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा।
किन चीजों पर लगेगा बैन?
1. जिन चीजों पर बैन लगेगा उनमें, प्लास्टिक स्टिक वाली इयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइन या (थर्मोकोल)।
2. इसके साथ प्लेट, कप, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बॉक्स के चारों ओर फिल्म लपेटना या पैकिंग करना, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर 100 माइक्रोन से कम, स्टिरर।
3. प्लास्टिक पैकेजिंग वेस्ट, जो पहचान किए गए सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम्स के अंतर्गत नहीं आता है, उसे निर्माता, आयातक और ब्रांड मालिक, पीआईबीओ की विस्तारित निर्माता जिम्मेदारी के जरिए टिकाऊ तरीके से इकट्ठा और प्रबंधित किया जाएगा।
छोटे व्यवसायी ना हों प्रभावित
छोटे व्यवसाय और व्यापारी प्रभावित न हों इसके लिए पॉलिथीन की मोटाई वाले नियम पर चरणबद्ध तरीके वाली योजना को मंजूरी दी गई है। बता दें, मार्च 2021 में सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर ड्राफ्ट जारी किया था, जिसपर अब निर्णय लिया गया है। इसके साथ, जो अधिसूचना जारी की गयी है उसमें प्लास्टिक की अलग-अलग किस्मों को परिभाषित किया गया है। जैसे थर्मोसेट-प्लास्टिक , थर्मो-प्लास्टिक, सिंगल यूज प्लास्टिक आदि।
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक?
अधिसूचना के अनुसार, सिंगल यूज वाली प्लास्टिक का मतलब है, एक प्लास्टिक की वस्तु जिसको डिस्पोज या रिसाइकिल से पहले एक काम के लिए एक ही बार यूज किया जाना है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की स्थापना और समन्वय और प्लास्टिक कचरे को अलग करना, कलेक्शन, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल जैसे संबंधित कार्यों को करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों और ‘ग्राम पंचायतों’ जिम्मेदार होंगी। .
कम्पोस्टेबल प्लास्टिक के लिए लेना होगा सर्टिफिकेट
कम्पोस्टेबल प्लास्टिक से बने कैरी बैग पर मोटाई का प्रावधान लागू नहीं होगा। कम्पोस्टेबल प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माताओं या विक्रेताओं या ब्रांड मालिकों को प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री सहित उन सामानों की मार्केटिंग / बिक्री या उपयोग करने से पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सर्टिफिकेट लेना होगा। उसके बाद ही वह उसका उपयोग कर पाएंगे।
हर साल बढ़ रहा है प्लास्टिक कचरा
हर साल 6 हजार टन से ज्यादा प्लास्टिक लैंडफिल के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, जिससे नदियां और भूगर्भीय जल प्रदूषित होता है। हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा बताया गया कि 2019-20 में 34 लाख टन से अधिक प्लास्टिक कचरा पैदा हुआ है, जो 2017-2018 की तुलना में 10 लाख टन अधिक है। ऐसे में ये फैसला प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और पर्यावरण को बचाने में कारगर साबित होगा।